आजकल Girlfriend / Boyfriend बनाना एक Trend सा चल गया है — परम पूज्य श्री प्रेमानंद जी महाराज

0


2 मिनट समय निकालकर लेक अंत तक अवश्य पढ़े।🧵👇

तुमने धीरेंद्र शास्त्री को टार्गेट किया हमने कुछ नहीं कहा, तुमने अनिरुद्धचार्य को टार्गेट किया तब भी हमने कुछ नहीं कहा मगर अब तुम प्रेमानंद महाराज जी को टार्गेट कर रहे हो, तब भी हम कुछ नहीं बोल रहे हैं।

जब धर्म पर संकट आएगा तब हम ताना मारेंगे कि हमारे संत महात्मा बड़ी-बड़ी तोंद लेकर अपने मठों में बैठे हुए हैं। लेकिन कभी अपने संतों के शब्दों के साथ नहीं खड़े हो सकते…? क्या हो गया है आखिर इस हिन्दू समाज को…?

आज जिस मुद्दे पर कोई बोलने को तैयार नहीं। उस मुद्दे को हमारे धर्म गुरु बोलने का साहस दिखा रहे हैं —

जब-जब सनातन की लौ तेज़ होती है, धर्मांतरण के सौदागर घबरा जाते हैं।

जब कथा मंचों से श्रीराम, श्रीकृष्ण और शिव नाम का घोष उठता है! जब प्रेमानंद जी महाराज और अनिरुद्धाचार्य जी जैसे संत युवाओं को नशे, अश्लीलता और भटकाव से मोक्ष, मर्यादा और भक्ति की ओर मोड़ते हैं, तब काँप उठते हैं चार गिरोह —

1. ईसाई मिशनरी (भीमपट्टी के भिमट्टे) 
2. नकली नारीवादी (बड़ी बिंदी गैंग) 
3. वामपंथी मीडिया और ट्विटर की ट्रोल आर्मी
4. सुवर कौम

👆 इन चारों को समस्या होती है धर्म जागरण से! और अब इन सबका नया टारगेट हैं — प्रेमानंद जी महाराज, अनिरुद्धाचार्य जी, पंडित धीरेन्द्र शास्त्री जी और साध्वी ऋतम्भरा दीदी जी।

आखिर क्यों…?


क्योंकि इन संतों ने वो कर दिखाया जो अरबों डॉलर खर्च करने वाली मिशनरी नहीं कर सकी।

Netflix, Instagram में डूबे युवाओं और कुछ बोरिया चावल को लेकर धर्म बदल लिए लोगों को कथा, सेवा और सनातन के प्रति आकर्षित कर दिया। नई पीढ़ी के युवा भी हिन्दुत्व का हूंकार भर रहा है और यही इन अधर्मियों के पेट में आज मरोड़ उत्पन्न कर रहा है।

प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन में सादगी से साधना करते हुए लाखों युवाओं को श्रीकृष्ण भक्ति से जोड़ चुके हैं। जहाँ मिशनरी लोग डॉलर से धर्मांतरण करते थे, वहाँ अब भक्ति से घर वापसी हो रही है।

जहाँ धर्मांतरण पर इतना खर्च होता है वहां ये लोग कथा सुना सुनाकर फ्री में घरवापिसी करा लेते हैं तो चोट धर्मांतरण के जड़ों पर हो रही है इसलिए वो बिलबिला उठे हैं। चमचों और यदमुल्लों को पैसे दे देकर इन साधू-संतों को गालियाँ दिला रहे हैं। ताकि धर्मांतरण का खेल जारी रहे।

अनिरुद्धाचार्य जी ने कथा को सिर्फ भक्ति नहीं, समाज सेवा और नारी-संस्कारों की पुनर्स्थापना का माध्यम बनाया — वृद्धाश्रम, गौशालाएं, गरीबों की सेवा से युवा प्रेरित हो रहे हैं। पर यही बात उन्हें खटक रही है जो तलाक, लिव-इन-रिलेशन और व्यभिचार को अधिकार समझते हैं। इसलिए ये वामपंथी आज तिलमिलाए हुए हैं।

सच तो ये है


🔻 हर साल भारत में 1.6 करोड़ गर्भपात, यानी हर दो सेकंड में एक हत्या!
🔻 बीस साल में तलाक के मामले छ: गुना बढ़े हैं!
🔻 67% युवा आज विवाह से पहले यौन संबंधों में लिप्त हैं!
🔻 लाखों बच्चे पिता के साये के बिना अवसाद में पलते हैं!

जब संत इन मुद्दों पर जागरण करते हैं तब ये गैंग बौखला जाते हैं और चिल्लाने लगते हैं : "नारी स्वतंत्रता पर हमला!"

लिव-इन में क्या होता है आज किसे नहीं पता…?
लिव-इन में रहने वाली लड़कियों को रखैल कहना यदि आपत्तिजनक है तो वैश्या को वैश्या कहना भी आपत्तिजनक है। सच बोलना भी आपत्तिजनक है तो करा दो FIR

परन्तु तब इनकी जुबान क्यों बंद रहती है जब छांगुर जैसे दरिंदे हजारों लड़कियों को धर्मांतरण में झोंक देते हैं या रामपाल जैसे ढोंगी धर्म को बदनाम करते हैं।

आज जब मिशनरियों के जाल से छूटकर लोग कथा में आ रहे हैं, भूत-प्रेत का ड्रामा छोड़कर भक्ति की तरफ लौट रहे हैं। श्रीमद्भगवद्गीता की श्लोकें आज सोशल मीडिया पर शेयर हो रही हैं तब इन ढोंगी संगठनों की दुकानें बंद हो रही हैं, और इसीलिए अब ये संतों पर FIR और कोर्ट की धमकी दे रहे हैं।

याद रखिए


प्रदीप मिश्रा जी के बेटे की परीक्षा को लेकर अफवाह फैलाई गई तो यही गैंग हँसी उड़ाने में लगी थी, लेकिन जब किसी आतंकी को जेल से बेल मिलता है तो इसे ईश्वरी न्याय बताया जाता है।

धीरेन्द्र शास्त्री जी ने लव-जिहाद और गजवा-ए-हिंद की साजिशें उजागर कीं तो इन्हें संविधान की याद आने लगी। हिन्दू राष्ट्र की परिकल्पना अपराध दिखने लगा। 

और अब जब प्रेमानंद जी महाराज और अनिरुद्धाचार्य जी धर्म, सेवा और सत्य की राह दिखा रहे हैं तब इन्हें ही अपराधी साबित करने की कोशिश हो रही है।

परंतु ये जान लो कि सनातन कोई "लिबरल डिज़ाइनर थ्योरी" नहीं है। यह ऋषियों के तप, संतों के त्याग और भक्तों की आस्था से सिंचित वह परंपरा है जो अनादि है, अनंत है, अटूट है।

जिसे इन संतों से परेशानी है उसे सनातन से ही बैर है।

अब समय है संतों के पीछे खड़े होने का, हर वामपंथी, मिशनरी और ढोंगी को बेनकाब करने का, और सनातन के लिए एकजुट हो जाने का। क्योंकि जब संत अपमानित होते हैं, तो मंदिरों की नींव, परंपराओं की आत्मा और श्रद्धा की लौ डगमगाने लगती है। और जब संत बोलते हैं तब सत्य गूंजता है, अधर्म तिलमिलाता है।

अगर आप अपने संतो के समर्थन में खड़े हैं तो इस पोस्ट को अधिक से अधिक फैलाएं। क्योंकि आज हमारे धर्म गुरु हमारी आने वाली पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए लड़ रहे हैं।


🚩 हमारे सभी संदेश नियमित पढ़ने हेतु हमारे निम्न अप्प को अवश्य डाउनलोड किजिए॥ 🙏⛳
https://www.mediafire.com/file/yigt9lprpb87i3s/_Ankur_Sanatani.apk/file
▬▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬
जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें॥
यस्य पुत्रो वशीभूतो भार्या छन्दानुगामिनी।
विभवे यस्य सन्तुष्टिस्तस्य स्वर्ग इहैव हि।।

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !