कट्टर हिन्दू सच्चा सनातनी बना यह कोई विकल्प नहीं है यह तो समय की मांग है

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आज का समय केवल जीने का नहीं, जागने का है। जब हर दिशा से सनातन धर्म पर प्रश्न उठाए जा रहे हैं, तब हर हिंदू को अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए कट्टर सनातनी बनना ही पड़ेगा। यह कोई विकल्प नहीं, बल्कि काल की पुकार है। यदि तुम अपनी संस्कृति, परंपरा और धर्म से प्रेम करते हो, तो इस लेख में पढ़ो क्यों कट्टर हिंदू बनना आज का सबसे बड़ा कर्तव्य है।


कभी सोचा है कि क्यों हर बार धर्म के नाम पर सबसे पहले हिंदू को झुकना पड़ता है? क्यों सनातन धर्म की रक्षा की बात करने वाला व्यक्ति “कट्टर” कहलाता है? इसका कारण बस एक है—हमने सहिष्णुता की आड़ में अपनी शक्ति को भुला दिया है।

अब समय आ गया है कि हर हिन्दू अपने भीतर के अर्यवीर को जगाए। जो धर्म स्वयं कहता है:

"धर्मो रक्षति रक्षितः" — जब तुम धर्म की रक्षा करते हो, तभी धर्म तुम्हारी रक्षा करता है। (मनुस्मृति 8.15)

कट्टर हिंदू बनना किसी से घृणा करना नहीं, बल्कि अपनी विरासत से प्रेम करना है। यह वही विरासत है जिसने वेदों का ज्ञान दिया, जिसने “वसुधैव कुटुंबकम्” कहकर पूरे विश्व को परिवार कहा। परंतु जब यही परिवार तुम्हारी आस्था पर प्रहार करे, तब क्या चुप रहना धर्म कहलाएगा?

गीता हमें सिखाती है—
"यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत..."
जब-जब धर्म की हानि होती है और अधर्म बढ़ता है, तब-तब ईश्वर स्वयं अवतार लेते हैं। (भगवद गीता 4.7)

सनातन धर्म असीम सहिष्णु है, परंतु कायर नहीं। यह वही परंपरा है जिसने असंख्य आक्रमण झेले, पर झुकी नहीं। अब फिर वही समय लौट आया है—जब हर हिंदू को अपने भीतर के हनुमान, शिव और अर्जुन को स्मरण करना होगा।

हमने वेद कहा, उपनिषद पढ़े, पर अब उनको जीने का समय है। वेद कहता है—
"आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः"
चारों दिशाओं से शुभ विचार हमारे भीतर आएं। पर याद रखना, शुभ विचार तभी टिकते हैं जब अस्तित्व सुरक्षित हो।

अब यह सिर्फ आस्था की नहीं, पहचान की लड़ाई है। मंदिरों की घंटी जितने समय तक बजेगी, भारत उतना ही जीवित रहेगा।
जो आज धर्म की रक्षा के लिए खड़ा नहीं होगा, कल उसे अपने अस्तित्व के लिए रोना पड़ेगा।

तो उठो, गर्व से कहो—
“मैं कट्टर हिंदू हूं, क्योंकि मैं अपने धर्म, संस्कृति और आस्था से अनंत प्रेम करता हूं।”

यही समय है जागरण का, संकल्प का और संघर्ष का।
सनातन की यह ज्योति फिर से प्रज्वलित होनी ही चाहिए, यही इस युग का धर्म है।

लेखक परिचय:
लेखक [अंकुर सनातनी ] एक गहन सनातनी और हिंदुत्व संघर्ष के जागरूक योद्धा हैं। उनकी लेखनी में हमेशा धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की रक्षा का जज़्बा झलकता है। वे मानते हैं कि प्रत्येक हिंदू के भीतर वह शक्ति विद्यमान है जो इस सभ्यता को नयी ऊँचाइयों तक ले जा सकती है। उनका मिशन है सनातन धर्म के मूल्यों को समझाना, उसे बनाए रखना और नई पीढ़ी में इसके प्रति गर्व और जागरूकता फैलाना।

समापन संदेश:
यह लेख केवल शब्दों का समूह नहीं, बल्कि एक आह्वान है—एक पुकार है हर हिंदू के हृदय से। यह समय सामान्य स्तर की बहस या तटस्थता का नहीं, जागरूकता और प्रतिज्ञा का है। यदि हम अपने धर्म, अपनी संस्कृति और अपनी पहचान को मजाक समझकर नजरअंदाज करेंगे, तो इतिहास हमें क्षमा नहीं करेगा।इसलिए यह कहने में गर्व महसूस करें—
“मैं कट्टर हिंदू हूं, क्योंकि मैं अपने सनातन धर्म से प्रेम करता हूं और उसकी रक्षा के लिए खड़ा हूं।”जागो, जागरण करो, और अपने धर्म के रक्षक बनो। यही सनातन का मार्ग है, यही हमारे अटूट साहस की निशानी है।
https://www.mediafire.com/file/yigt9lprpb87i3s/_Ankur_Sanatani.apk/file

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