यह है पूरी सच्चाई।
जलाराम में हर गुरुवार को, इस मंदिर (Jalaram Bapa Temple) में शाम की आरती होती थी।
फिर एक दिन शौकत अली ने मंदिर के ठीक सामने एक घर खरीदा । उसने आरती का विरोध करना शुरू किया।
धीरे-धीरे सोसाइटी के 28 घरों को मुसलमानों ने खरीद लिया और अब मंदिर में आरती बंद हो गई है।
इतना ही नहीं, मंदिर को अब बेचने की भी तैयारी है।”
यह कोई कहानी नहीं है बल्कि भरूच से जुड़ा वह कड़वा सच है जो नाम न छापने की शर्त पर हमारे एक सूत्र ने हमें बताया।
उन्होंने आगे बताया, “भरूच के कुछ हिस्सों में 2019 में अशांत क्षेत्र अधिनियम लागू किया गया था, लेकिन प्रशासन सहित कुछ लोगों ने इसमें छिपी खामियों का फायदा उठाते हुए कुछ क्षेत्रों में पूरी जन सांख्यिकी (डेमोग्राफी) ही बदल डाला।
अब स्थिति यह हो गई है कि हिन्दू केवल भरूच के सोनी फलियो (Soni Faliyo) और हाथीखाना (Hathikhana) क्षेत्रों में रह गए हैं।
अब वहाँ भी मुश्किल से कोई 20-25 हिन्दू परिवार बचे हैं।
और वो भी अब यहाँ से अपने घरों को बेच कर और वह इलाका छोड़ देने का फैसला कर चुके हैं।”
मंदिर के ट्रस्टी लोगों ने मुख्यमंत्री से भी ऑनलाइन और रजिस्टर्ड पोस्ट से इस पर दखल देने की मांग किया लेकिन भरूच का प्रशासन चुप है।
और अब यदि इस मंदिर में आरती होती है तो आसपास के सैकड़ों मुस्लिम आ करके जबरदस्ती आरती को बंद करवा देते हैं और कहते हैं कि हमारे इस्लाम में हमारे कानों में मंदिर की आरती की आवाज और घंटी की आवाज नहीं आनी चाहिए मजबूरन कई महीनों से इस मंदिर में आरती नहीं हो पा रही है।
इस्लाम में उनके कानों में आरती की आवाज़ नहीं आनी चाहिये हिन्दूओं के कानों में अज़ान की आवाज बेशक आये।
सभी सनातनी ओं से निवेदन है विरोध करना सीखिए, ऐसे पोस्ट देख के साइड से निकालना, ठीक नहीं,
आप तो अपना जीवन जी लोगे मगर अपने बच्चों के लिए दलदल पैदा मत होने दीजिए,
जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है।
सौजन्य पुजारी श्री राम मंदिर कन्हैया टोला।
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