अब सिर्फ और सिर्फ गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था ही 'सनातन धर्म' को बचा सकती है।

0

 

हालत ये है कि जो जिहादी मजहब की रक्षा का दावा करते हैं वो आपस में शायद ये बातें करते होंगे कि तूने कितनी हिंदू लड़कियों का इस्लामीकरण किया और दूसरी तरफ हिंदूवादी ये कहकर अपना रिजल्ट दिखाते हैं कि हम इतनी लड़कियों को दोबारा
सकुशल बरामदगी करवा पाए। मतलब हम जो अपना बचाव कर रहे हैं हम भी पूरी तरह से डिफेंसिव मोड में हैं और हमारे दुश्मन जबरदस्त एग्रेसिव मोड में चल रहे हैं। अगर ऐसी ही स्थिति रही तो हिन्दुओं की हार तय हो जाएगी।


धर्म परिवर्तन, लव-जिहाद और हिंदुओं की तमाम तरह की कायरताओं के मूल में है अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था! सीबीएसई और एनसीईआरटी ने हिंदुओं को पूरी तरह से तेजहीन और पंगु बना दिया है। सेकुलर शिक्षा व्यवस्था ने हिंदुओं की सारी आक्रामकता को खत्म कर दिया है और यही वजह है कि हिन्दू लगातार मार खा रहे हैं।


गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था का मकसद छात्रों को सर्वांगीण विकास देना होता है। इसमें आध्यात्मिक, नैतिक, और शारीरिक शिक्षा जैसे सभी अहम पहलू शामिल होते हैं तथा गुरुकुल में छात्रों में ईमानदारी, सम्मान, करुणा, और अनुशासन जैसे मूल्यों को विकसित किया जाता है।


ऐसे में सिर्फ और सिर्फ गुरुकुल सिस्टम ही है जो अब हिन्दुओं को बचा सकता है। सबसे पहली बात तो ये कि निषाद राज गुह और भगवान राम एक ही गुरुकुल में पढ़े थे। इससे ये पता चलता है कि गुरुकुलों में कोई जातिवाद नहीं था। और सभी गुरुकुलों में पूरी तरह से समानता का व्यवहार होता था। गुरुकुल सिस्टम शुरू होने से ही जातिवाद खत्म होगा।


गुरुकुल सिस्टम में भारत के वेद पुराणों और उपनिषदों और सनातन धर्म की शिक्षाएं दी जाएंगी जिससे 'धर्म परिवर्तन' का खतरा टल जाएगा। क्योंकि जितने भी धर्म परिवर्तन के केस सामने आ रहे हैं उसमें सबसे अहम बात यही है कि धर्म परिवर्तन करने वाले को हिंदू धर्म के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है, जबकि गुरुकुलों में हिंदू धर्म के बारे में जानकारी दी जाएगी।


जब हमारे भारत की लड़कियां गुरुकुलों में गायत्री मंत्र का पाठ करेंगी, हवन करेंगी और अपने धर्म के बारे में जानेंगी तो वो भी धर्म परिवर्तन और लव-जिहाद का शिकार नहीं होगी और उनकी बुद्धि शुद्ध होगी।


इसके अलावा गुरुकुल सिस्टम में पढ़े हुए बच्चों को भारत के महान पुरुषों और अवतारों के बारे में जानकारी दी जाएगी। जैसे; भगवान राम और भगवान कृष्ण। इस तरह की शिक्षा व्यवस्था में बच्चे वीर और बहादुर बनेंगे और उनके अंदर अपने धर्म की रक्षा और अन्याय से मुकाबले की  ताकत भी आएगी।


गुरुकुल सिस्टम सनातन धर्म को और मजबूत करेगा क्योंकि अगर देखा जाए तो सिख पंथ, जैन पंथ, बौद्ध पंथ सभी में गुरु शिष्य परंपरा रही है और इस परंपरा की वजह से गुरुकुल सिस्टम सभी को एक कर देगा।


लेकिन गुरुकुल में लोग अपने बच्चों को तभी पढ़ाएंगे जब गुरुकुल में पढ़े हुए बच्चों की आजीविका की गारंटी सरकार ले। ऐसे में सरकार को कुछ ऐसे नियम बनाने चाहिए जहां गुरुकुल में पढ़े हुए बच्चों को नौकरी में वरीयता दी जाए।


कुल मिलाकर भारतीय शिक्षा में गुरुकुल प्रणाली को शामिल करने का विचार बच्चों को संतुलित जीवन की अवधारणा को समझने में सहायता करना है। संतुलन की यह विचारधारा बच्चों को छोटी उम्र से ही सिखाई जानी चाहिए ताकि वे काम, भोजन, व्यायाम और अपने जीवन जीने के तरीके के बारे में सोच-समझकर निर्णय ले सकें।


कम शब्दों में ही ज्यादा समझने का प्रयास करें। गुरुकुल व्यवस्था को मजबूत करें अन्यथा हिन्दुओं को खत्म होने से कोई नहीं बचा पाएगा।

क्रांतिवीर योद्धा बने, KY GROUP Join Now

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !