नाम : अंकूर सनातनी (जन्म 14 अप्रैल 1994) उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के नकुड़ तहसील में गंगोह कस्बे में जन्म हुआ , उनके पिता का नाम श्री सुलेखचन्द, और माता का नाम श्रीमती सुमन देवी हैं। अंकूर सनातनी के कुल तीन भाई और दो बहने हैं, पांचो में से अंकूर सनातनी सबसे बड़े है एवं पूर्णतः शाकाहारी है।
सन् 2003 से 2007 तक उन्होनें गंगोह कस्बे की श्रीराम चिल्ड्रन एकेडमी पाठशाला में विद्या ग्रहण कि गरीब फैमिली से होने की वजह से आगे की पढ़ाई नहीं कर पाए
और मात्र 8 साल कि उम्र में जहाँ भी धार्मिक कार्यक्रम व हिन्दू जन जागृती रेली मे अपनी अहम् भूमिका निभाई हैं।
और उसी समय वो बजरंगदल की शाखा में जाने लगे और सन् 2008 में सनातन धर्म और गौ रक्षा पर दिनोदिन बढ़ रहे अत्याचार को देखते हुए मन ही मन में एक प्रण ले लिया कि अगर कुछ करना ही है तो हिन्दू धर्म की रक्षा और गौ माता की रक्षा करने में मेरा सम्पूर्ण जीवन इसी कार्य में लगाऊंगा।
माता-पिता के आज्ञा का पालन कर सर्वप्रथम माता पिता की सेवा को सर्वश्रेष्ठ मानते हुए उनका आशीर्वाद लेकर के हमेशा घर से बाहर निकलते
उनका कहना है कि मेरी जाति हिन्दू हैं और सनातन मेरा धर्म है मै सर्व जाति को समान समझता हूँ और ऊँच नीच का भेदभाव मिटाना चाहता हूँ। मैं हिन्दुत्व के लिए जीता हूँ और हिन्दू समाज को संगठित करने की कोशिश करूंगा। मेरी दिल कि तमन्ना है और हर व्यक्ति कि मदद करने में 24 घण्टे सेवा में हमेशा तत्पर रहूँगा।
सन् 2008 से लगाकर 2021 तक वो समाज सेवा और सनातन धर्म की रक्षा और गौ रक्षा के लिये एक कट्टर हिन्दूवादी क्रान्तिकारी के रूप में उभरते हुए युवा के रूप में तन-मन-धन से सहयोग करते रहे हैं और हमेशा क्रान्तिकारी पुस्तक पढ़ने के शौकिन रहे हैं।
सनातन धर्म की रक्षा एवं गौ माता की रक्षा के लिए अंकूर सनातनी हमेशा आगे आते रहे हैं।
सन् 2021 से अंकूर सनातनी के दिमाग में एक बात आई की अकेले ये कार्य नहीं हो सकता तो उन्होनें 18 अप्रैल 2021 में एक संगठन का गठन किया जिसका नाम प्रभु श्री राम सेवक संघ रखा
