देश छोड़कर जा रहे शाह फ़ैज़ल को पुलिस ने हिरासत में क्यों लिया?

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 शाह फ़ैजल का नाम शायद बहुत लोगो ने नहीं सुना होगा। ये 2010 का आईएएस टॉपर है जो कश्मीर मे महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर रहा। फैजल ने पद से इस्तीफा देकर जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट नाम से एक पार्टी बनाई है ।

उसने फेसबुक पोस्ट में इस्तीफे का कारण बताया कि उसका इस्तीफा हिंदूवादी ताकतों द्वारा करीब 20 करोड़ भारतीय मुस्लिमों के हाशिये पर धकलने और इसके चलते उनके दोयम दर्जे का हो जाने, जम्मू कश्मीर राज्य की विशेष पहचान पर कपटपूर्ण हमलों तथा भारत में अति-राष्ट्रवाद के नाम पर असहिष्णुता एवं नफरत की बढ़ती संस्कृति के खिलाफ है। 370 हटाने के बाद लगातार टीवी न्यूज पेपर और ट्विटर पर सरकार के विरुद्ध और कश्मीर के लोगो को भड़काने वाले बयान दे रहा है।

धारा 370 हटाने के बाद उसने एक ट्वीट किया, "कश्मीर को राजनीतिक अधिकारों की बहाली के लिए एक लंबे, निरंतर, अहिंसक राजनीतिक जन आंदोलन की आवश्यकता होगी। धारा 370 को समाप्त करने से मुख्यधारा खत्म हो गई है. संविधानवादी चले गए हैं। इसलिए आप या तो एक कट्टरपंथी हो सकते हैं या अलगाववादी।"

एक अन्य विवादास्पद ट्वीट में फ़ैसल ने कहा था, "कोई ईद नहीं है। दुनिया भर के कश्मीरी अपनी ज़मीन को अवैध रूप से जोड़ लेने का शोक मना रहे हैं। यहां तब तक कोई ईद नहीं होगी जब तक 1947 से जो कुछ भी चोरी और छीना गया है वापस नहीं लौटाया जाता। कोई ईद नहीं जब तक हर एक अपमान का बदला नहीं ले लिया जाता।

ऐसे लगातार बयानों से सरकार के कान खड़े हो गए और जैसे ही इसने दिल्ली एयरपोर्ट से इस्तांबुल (तुर्की) की फ्लाइट पकड़ी इस को तुरंत पुलिस ने सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत धर लिया और कशमीर में नजरबंद कर दिया। आप सोच सकते हो जब कशमीर के अलगाववादी नेताओं और गद्दारों को जेल में डाल दिया है तब ये इस्तांबुल क्या करने जा रहा होगा? वहां से वो कहां जाता? किस के हाथो की कठपुतली बनता?

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